तेरा वैभव अमर रहे मां हम दिन चार रहें न रहें

कभी विश्व गुरु रहे भारत की धर्म संस्कृति की पताका, विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये कभी श्रापित हनुमान अपनी शक्तिओं का विस्मरण कर चुके थे, जामवंत जी के स्मरण कराने पर वे राक्षसी शक्तियों को परास्त करते हैंआज अपनी संस्कृति, परम्पराएँ, इतिहास, शक्तियों व क्षमताओं को विस्मृत व कलंकित करते इस समाज को विश्व कल्याणार्थ राह दिखायेगा युग दर्पण सार्थक और सटीक जानकारी का दर्पण तिलक (निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS 09911111611, 9999777358.

what's App no 9971065525


DD-Live YDMS दूरदर्पण विविध राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय विषयों पर दो दर्जन प्ले-सूची

https://www.youtube.com/channel/UCHK9opMlYUfj0yTI6XovOFg एवं


YDMS चर्चा समूह

बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Monday, April 14, 2014

हनुमान जयंती मंगलवार दि 15 अप्रेल

मंगलवार दि 15 अप्रेल हनुमान जयंती का संयोग है। आप सभी को यह संयोग मंगलकारी हो। 
कइयों को, मंगल भारी पड़ता है, संकट मोचन को प्रसन्न करने के इन 3 सरल उपाय से बरसेगी हनुमान कृपा, संकटों का होगा अंत। फिर मंगल ही मंगल। कृ तीनों उपायों को पढ़ें-
Photo: इस आसान उपाय से बरसेगी हनुमान कृपा, मुसीबतों का होगा सफाया।

पढ़ें  http://goo.gl/twVOqs
मंगलवार, 15 अप्रैल को हनुमान जयंती है। शास्त्रों के अनुसार मंगलवार को ही बजरंग बली का जन्म हुआ है। इस कारण इस वर्ष हनुमान जयंती (पूर्णिमा) पर किए उपाय, अतिशीघ्र शुभ फल प्रदान करेंगे। इस दुर्लभ योग में जो भी व्यक्ति हनुमानजी की भक्ति और दर्शन करेगा, उसके सभी दुख-दर्द दूर हो जाएंगे। यहां मात्र 3 उपाय बताए जा रहे हैं, जो हनुमान जयंती पर किए जा सकते हैं। आप इन तीनों उपायों को कर सकते हैं और इन तीन उपायों में से कोई एक उपाय भी कर सकते हैं। ये उपाय नींबू, नारियल और दीपक से संबंधित है।
पहला उपाय
यदि आपको कठोर परिश्रम के बाद भी किसी महत्वपूर्ण कार्य में सफलता नहीं मिल पा रही है तो हनुमान जयंती के दिन किसी हनुमान मंदिर जाएं और वहां नींबू और लौंग का ये उपाय करें।
उपाय के अनुसार अपने साथ एक नींबू और 4 लौंग लेकर जाएं। इसके बाद मंदिर में हनुमानजी के सामने नींबू के ऊपर चारों लौंग लगा दें। फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें या हनुमानजी के मंत्रों का जप करें।
मंत्र जप के बाद हनुमानजी से सफलता हेतु प्रार्थना करें और इस नींबू को अपने साथ ही रख लें। नींबू के प्रभाव से आपके कार्य में सफलता मिलने की संभावनाएं अवश्य बढ़ जाएंगी।
दूसरा उपाय
हनुमान जयंती के दिन अपने साथ एक नारियल लेकर किसी हनुमान मंदिर जाएं। मंदिर में हनुमानजी की प्रतिमा के सामने नारियल को अपने सिर पर सात बार वार लें। इसके साथ हनुमान चालीसा का जप करते रहें। सिर पर नारियल वारने के बाद इसे हनुमानजी के सामने फोड़ दें। इस उपाय से आपकी सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी।
ध्यान रखें, इस उपाय को अकेले में करें और उपाय के संबंध में किसी अन्य व्यक्ति से चर्चा न करें। हनुमान जयंती पर इस उपाय के साथ ही बजरंग बली को पुष्प-हार और प्रसाद भी अर्पित करें।
तीसरा उपाय
यदि आप धन पाना चाहते हैं तो इस हनुमान जयंती से ये उपाय प्रारंभ करें। यह उपाय प्रतिदिन रात के समय किया जाना चाहिए। इसके उपाय के अनुसार आपको हर रात हनुमानजी के सामने एक विशेष दीपक जलाना है। रात में किसी हनुमान मंदिर जाएं और वहां प्रतिमा के सामने में चौमुखा दीपक लगाएं। चौमुखा दीपक अर्थात दीपक चार ओर से जलाना है। इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा प्रतिदिन करेंगे तो बहुत ही शीघ्र बड़ी-बड़ी समस्याएं भी सरलता से दूर हो जाएंगी।
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
 विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक

No comments: